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Education is the most powerful weapon which you can use to change the world.

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती मना कर उन्हें श्रद्धांजलि देने का सबसे सम्मानजनक तरीका यह है कि युवा देश को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की भावना से अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि नेताजी ने जो कुछ भी किया उसमें अपनी अमिट छाप छोड़ी। आजाद हिंद फौज ही वह फौज थी जिसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने हेतु मन में भय पैदा किया। उक्त बातें बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के प्राचार्य डॉ अमृतांशु कुमार शुक्ल ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा नेताजी के जन्मदिन पराक्रम दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कही। डॉ गौरव तिवारी ने कहा कि गांधी जी ने देश में आंतरिक स्तर पर अंग्रेजों का लोहा लिया तो नेताजी ने आंतरिक के साथ साथ वैश्विक स्तर पर उनकी घेराबंदी की । विदेश में जाकर भारत के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना करना बहुत बड़ी बात थी। उनके अन्दर असहमतियों के प्रति सम्मान की अद्भुद क्षमता थी। महात्मा गांधी के साथ वैचारिक असहमति के बावजूद उनका मानना था कि महात्मा गांधी को साथ लिए बिना आजादी की मजबूत लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इसलिए जब उन्होंने आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की सोची तो महात्मा गांधी से आशीर्वाद लिया और उन्हें राष्ट्रपिता का सम्बोधन दिया। आमोद कुमार राय ने अपने सम्बोधन में कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस का व्यक्तित्व बहुत प्रेरणादायक है। वे भारतीय युवाओं के सच्चे प्रतिनिधि हैं। उनकी सांगठनिक क्षमता, उनकी नेतृत्व क्षमता और देश के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय है। हमारे देश के युवाओं को उनकी जीवनी अवश्य पढ़नी चाहिए। डॉ रमेश चन्द्र विश्वकर्मा ने स्वयंसेवको को सम्बोधित करते हुए नेता जी के जीवन की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं की चर्चा की और बताया कि उस समय उन्होंने अपने पिता की इच्छा के अनुरूप आईसीएस की परीक्षा तो दी और चौथे स्थान के साथ सफल भी हुए किन्तु राष्ट्र के प्रति उनकी दीवानगी ने राजभक्ति के जगह पर राष्ट्र भक्ति का विकल्प चुना। कार्यक्रम में जया मणि त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना और अर्पिता द्विवेदी, गुलशन चौहान, शिखा यादव, गौरी तिवारी, संगम मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनुज कुमार ने किया। स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन भाषण महाविद्यालय के प्राक्टर त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी।

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती मना कर उन्हें श्रद्धांजलि देने का सबसे सम्मानजनक तरीका यह है कि युवा देश को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की भावना से अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि नेताजी ने जो कुछ भी किया उसमें अपनी अमिट छाप छोड़ी। आजाद हिंद फौज ही वह फौज थी जिसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने हेतु मन में भय पैदा किया। उक्त बातें बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के प्राचार्य डॉ अमृतांशु कुमार शुक्ल ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा नेताजी के जन्मदिन पराक्रम दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कही। डॉ गौरव तिवारी ने कहा कि गांधी जी ने देश में आंतरिक स्तर पर अंग्रेजों का लोहा लिया तो नेताजी ने आंतरिक के साथ साथ वैश्विक स्तर पर उनकी घेराबंदी की । विदेश में जाकर भारत के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना करना बहुत बड़ी बात थी। उनके अन्दर असहमतियों के प्रति सम्मान की अद्भुद क्षमता थी। महात्मा गांधी के साथ वैचारिक असहमति के बावजूद उनका मानना था कि महात्मा गांधी को साथ लिए बिना आजादी की मजबूत लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इसलिए जब उन्होंने आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की सोची तो महात्मा गांधी से आशीर्वाद लिया और उन्हें राष्ट्रपिता का सम्बोधन दिया। आमोद कुमार राय ने अपने सम्बोधन में कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस का व्यक्तित्व बहुत प्रेरणादायक है। वे भारतीय युवाओं के सच्चे प्रतिनिधि हैं। उनकी सांगठनिक क्षमता, उनकी नेतृत्व क्षमता और देश के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय है। हमारे देश के युवाओं को उनकी जीवनी अवश्य पढ़नी चाहिए। डॉ रमेश चन्द्र विश्वकर्मा ने स्वयंसेवको को सम्बोधित करते हुए नेता जी के जीवन की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं की चर्चा की और बताया कि उस समय उन्होंने अपने पिता की इच्छा के अनुरूप आईसीएस की परीक्षा तो दी और चौथे स्थान के साथ सफल भी हुए किन्तु राष्ट्र के प्रति उनकी दीवानगी ने राजभक्ति के जगह पर राष्ट्र भक्ति का विकल्प चुना। कार्यक्रम में जया मणि त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना और अर्पिता द्विवेदी, गुलशन चौहान, शिखा यादव, गौरी तिवारी, संगम मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनुज कुमार ने किया। स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन भाषण महाविद्यालय के प्राक्टर त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी।

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती मना कर उन्हें श्रद्धांजलि देने का सबसे सम्मानजनक तरीका यह है कि युवा देश को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की भावना से अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि नेताजी ने जो कुछ भी किया उसमें अपनी अमिट छाप छोड़ी। आजाद हिंद फौज ही वह फौज थी जिसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने हेतु मन में भय पैदा किया। उक्त बातें बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के प्राचार्य डॉ अमृतांशु कुमार शुक्ल ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा नेताजी के जन्मदिन पराक्रम दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कही। डॉ गौरव तिवारी ने कहा कि गांधी जी ने देश में आंतरिक स्तर पर अंग्रेजों का लोहा लिया तो नेताजी ने आंतरिक के साथ साथ वैश्विक स्तर पर उनकी घेराबंदी की । विदेश में जाकर भारत के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना करना बहुत बड़ी बात थी। उनके अन्दर असहमतियों के प्रति सम्मान की अद्भुद क्षमता थी। महात्मा गांधी के साथ वैचारिक असहमति के बावजूद उनका मानना था कि महात्मा गांधी को साथ लिए बिना आजादी की मजबूत लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इसलिए जब उन्होंने आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की सोची तो महात्मा गांधी से आशीर्वाद लिया और उन्हें राष्ट्रपिता का सम्बोधन दिया। आमोद कुमार राय ने अपने सम्बोधन में कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस का व्यक्तित्व बहुत प्रेरणादायक है। वे भारतीय युवाओं के सच्चे प्रतिनिधि हैं। उनकी सांगठनिक क्षमता, उनकी नेतृत्व क्षमता और देश के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय है। हमारे देश के युवाओं को उनकी जीवनी अवश्य पढ़नी चाहिए। डॉ रमेश चन्द्र विश्वकर्मा ने स्वयंसेवको को सम्बोधित करते हुए नेता जी के जीवन की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं की चर्चा की और बताया कि उस समय उन्होंने अपने पिता की इच्छा के अनुरूप आईसीएस की परीक्षा तो दी और चौथे स्थान के साथ सफल भी हुए किन्तु राष्ट्र के प्रति उनकी दीवानगी ने राजभक्ति के जगह पर राष्ट्र भक्ति का विकल्प चुना। कार्यक्रम में जया मणि त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना और अर्पिता द्विवेदी, गुलशन चौहान, शिखा यादव, गौरी तिवारी, संगम मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनुज कुमार ने किया। स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन भाषण महाविद्यालय के प्राक्टर त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी।

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बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुशीनगर राष्ट्रीय सेवा योजना एवं एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में 25 जनवरी, 2021 को मतदाता जागरूकता रैली मतदाता दिवस के अवसर पर स्वयंसेवक/ स्वयंसेविकाएं तथा एनसीसी कैंडेट ने विभिन्न स्लोगन यथा 'सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो।' 'आधी रोटी खायेंगे, वोट देने जायेंगे'। आदि नारों के माध्यम से महाविद्यालय से लेकर पथिक निवास तक तथा वापसी पथिक निवास से महाविद्यालय तक पैदल मार्च किया। इस अवसर पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ अनुज कुमार, श्री त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, एनसीसी अधिकारी डॉ उमाशंकर त्रिपाठी, ज्योति तिवारी, महमूद आलम, जया मणि त्रिपाठी त्रिपाठी, अंजलि शर्मा, आकृति मिश्रा, पूजा राव, प्रवीण यादव,अमरेश जायसवाल,अभिषेक शर्मा,विवेक यादव,आदि ने सहभागिता की।

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बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुशीनगर राष्ट्रीय सेवा योजना एवं एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में 25 जनवरी, 2021 को मतदाता जागरूकता रैली मतदाता दिवस के अवसर पर स्वयंसेवक/ स्वयंसेविकाएं तथा एनसीसी कैंडेट ने विभिन्न स्लोगन यथा 'सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो।' 'आधी रोटी खायेंगे, वोट देने जायेंगे'। आदि नारों के माध्यम से महाविद्यालय से लेकर पथिक निवास तक तथा वापसी पथिक निवास से महाविद्यालय तक पैदल मार्च किया। इस अवसर पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ अनुज कुमार, श्री त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, एनसीसी अधिकारी डॉ उमाशंकर त्रिपाठी, ज्योति तिवारी, महमूद आलम, जया मणि त्रिपाठी त्रिपाठी, अंजलि शर्मा, आकृति मिश्रा, पूजा राव, प्रवीण यादव,अमरेश जायसवाल,अभिषेक शर्मा,विवेक यादव,आदि ने सहभागिता की।

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